लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति। साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।। जो यह पाठ करे मन लाई । https://jaredjnstj.qowap.com/89296660/everything-about-shiv-chalisa-lyrics-in-english